पिछले साल अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने हिरोशिमा का दौरा किया था. इस शहर में सन 1945 में अमेरिका द्वारा परमाणु बम गिराया गया था जिसमें 1,40,000 लोग मारे गए थे. यह विश्व के सबसे बड़े नरसंहारों में से एक था. लोग सोचते थे कि शायद राष्ट्रपति ओबामा इस नरसंहार के लिए जापानी लोगों से अमेरिका की ओर से माफी मांगें. पर ऐसा नहीं हुआ.
आधुनिक हिरोशिमा का एक बाज़ार
मुझे 1 990 में जापान जाने का अवसर मिला था. मुझे जापान की सोसायटी फॉर द प्रोमोशन ऑफ साइंस (जे एस पी एस) द्वारा
जंगली और कम जाने वाले फलों के उपयोग पर विभिन्न जापानी विश्वविद्यालयों और फल
अनुसंधान केन्द्रों भाषण देने के लिए सात सप्ताह की अवधि के लिए आमंत्रित किया गया
था. उसी यात्रा के दौरान मैं हिरोशिमा भी गया था.
वह गुम्बद वाली इमारत जिसके ठीक 500
मीटर ऊपर परमाणु बम फटा था
यह बम का विस्फोट धरती पर बल्कि जमीन
से ऊपर आकाश में, एक इमारत के गुंबद से लगभग 500 मीटर ऊपर (फोटो देखें) फटा था. इस
विस्फोट से पूरा शहर अपने अधिकाँश निवासियों के साथ नष्ट हो गया था.
पार्क में मैं और मेरे होस्ट प्रोफ़ेसर हिरोशी यामामूरा
उन्होंने इस पूरे शहर का पुनर्निर्माण
कर लिया है पर उस ऐतिहासिक विनाश
के अवशेष के रूप उस गुम्बददार इमारत को बचा कर रखा है और उस इमारत के आसपास एक
बड़ा पार्क बनाया है। इस पार्क को हिरोशिमा शान्ति पार्क कहा जाता है. इस पार्क
में जापान के विभिन्न भागों से आने वाले लोगों का तांता लगा रहता है. पार्क में तीन
चार स्मारक किस्म के स्थल हैं जहां आने वाले लोग दिवंगतों के लिए शांति प्रार्थना
करते रहते हैं. यह सिलसिला उस पार्क में दिन भर चलता रहता है.
पार्क में बने अनेक पूजा स्थलों में एक
इस पार्क में एक संग्रहालय भी है जहां
उन्होंने बम के बाद पीड़ित पुरुषों और महिलाओं के मॉडल, चित्र और कुछ अवशेष रखे हैं। ये मॉडल उस दिन हुए विनाश का बहुत ही भयावह और हृदयविदारक
दृश्य प्रस्तुत करते हैं. यह सब देख कर आदमी का मन बहुत ही खराब हो जाता है.
संग्रहालय की इमारत
इस संग्रहालय को देखने के बाद, मैंने अपने होस्ट प्रोफेसर हिरोशी यामामुरा
से कहा, कि वे इस जगह पर जापान में आने वाले उन देशों के शासनाध्यक्षों को
क्यों नहीं लाते जो अभी भी परमाणु
शास्त्रों के निर्माण में लगे हैं. मैंने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि जो भी
शासनाध्यक्ष एक बार इस विनाश की निशानियों
को देख लेगा, अपने देश में परमाणु शस्त्र बनाने का विचार तुरंत त्याग देगा.
पर मुझे बहुत ही हैरानी हुई जब मेरी
बात पर प्रोफ़ेसर यामामुरा हँसे. उन्होंने मुझे बताया कि विश्व के लगभग सभी शीर्ष
नेता इस संग्रहालय को देख चुके हैं. पर अभी तक
किसी पर भी कोइ असर नहीं हुआ. दुनिया में परमाणु हथियारों की संख्या हर साल
बढ़ती ही जा रही है।
राष्ट्रपति ओबामा भी अन्य नेताओं जैसे
ही संवेदनहीन निकले.
पता
नहीं ये लोग किस मिट्टी के बने हैं कि परमाणु बम द्वारा हुई तबाही की इतनी भयानक
और दर्दनाक तस्वीरों के देखने पर भी इनका मन विचलित नहीं होता.
आपको
कभी जापान जाने कया अवसर मिले तो हिरोशिमा जरूर जाईएगा.
ऐसा इस लिए डॉ साहब क्यूंकि सत्ता की असली चाबी बिज़नेस चलाने वालों के पास होती है फिर अगर वो बम नहीं बनाएंगे तो फिर डर का व्यापार कैसे करेंगे. फिर चाहे उस बम से उनका घर ही क्यों न उजड जाये.
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