April 2, 2021

यहाँ लटकाया गया था सूली पर प्रभु ईसा मसीह को


आज गुड फ्राई डे है। आज के ही दिन ईसा मसीह को सूली पर लटकाया गया था। यह कुकृत्य यरूसलम, जो आज के इजरायल में है, हुआ था। मुझे 2007 में, इजरायल की रेयर फ्रूट सोसाइटी के सौजन्य से एक सप्ताह के लिए इजरायल जाने का अवसर मिला था। उस प्रवास में मैंने वह जगह भी देखी।

यरूसलम शहर का एक विहंगम दृश्य 

आइए आज आपको बताते हैं इजरायल के उस स्थान के बारे में, जहा ईसा मसीह को सूली पर लटका कर मृत्यु दंड दिया गया था। 







पवित्र चर्च के अंदर के कुछ दृश्य 

ईसाई धर्म में दो स्थान सबसे पवित्र समझे जाते हैं। पहला वह, जहाँ ईसा को सूली पर लटकाया गया था और दूसरा वह जहां मृत्युदंड के बाद उनको दफनाया गया था। ये दोनों स्थान कैलवरी या गोलगोथा के नाम से जाने जाते हैं और पुराने यरूसलम के उत्तरी पूर्वी भाग में स्थित हैं। यहाँ अब एक चर्च है जिसे church of Holy Sepulchre अर्थात पवित्र समाधी का चर्च कहते हैं। यह एक कई खंडों वाली इमारत है और दोनों स्थान इसी में हैं। यहाँ प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु दर्शनार्थ आते हैं। 








चर्च में मैंने भी प्रार्थना की 

इस चर्च का इतिहास बहुत लंबा है और यह कई बार बना और उजड़ा है।  माना जाता है कि इस चर्च का निर्माण सबसे पहले रोमन सम्राट कंस्तान्तिने महान (Constantine the Great) ने 326 ईस्वी में कराया था। इसे बाद में सन 614 में ईरानियों द्वारा जला दिया गया था। इसके  बाद यह कई बार टूटा और बना। यह सिलसिला 1810 में रुका और तबसे यह लगभग वैसा ही है।  






पवित्र चर्च के कुछ अन्य भाग 

मैंने यरूसलम में एक पूरा दिन बिताया था। यह बहुत बड़ा शहर है और कई भागों में बटा है। इस शहर की आबादी करीब नौ लाख है। मुझे शहर दिखाने के लिए मेरे इज़रायली मेजबानों ने एक जर्मन महिला गाइड कर रखी थी, जो मुझे सुबह से शाम तक शहर के विभिन्न भागों में ले जाती रही। यह यहूदी थी, कई भाषाएं जानती थी और शायद काफी महंगी किस्म की गाइड थी। पर मैंने मैसूस किया कि यह अरबों और मुसलमानों से बहुत घृणा करती थी इसलिए यह मुझे यरूसलम के मुस्लिम भाग में नहीं ले गई। यह अरबों के विरुद्ध बोलती रहती थी। इसने मुझे शहर के वे भाग भी दिखाए जहां अरबों और यहूदियों में अक्सर गोली बारी होती रहती थी। वैसे यह बहुत ही अच्छी इंसान थी। अभी भी मुझे नए साल पर इसके ग्रीटिंग कार्ड आते रहते हैं।

 

जर्मन यहूदी महिला गाइड जिसने मुझे  यरूसलम में घुमाया था 


2 comments:

  1. आपने अपनी यात्राओं के अंतर्गत असीम ज्ञान प्राप्त किया है।हम उसे घर बैठे पढ़ पा रहे हैं ये हमारा सौभाग्य है।

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