आज आपको रियो डि जनेरो के शुगर लोफ़ के बारे में बताते हैं.
शुगर लोफ पहाडी
शुगर लोफ रियो डि जनेरो शहर को घेरने वाली बहुत सी पहाड़ियों में से एक है. इस की शक्ल काफी विचित्र है. पुर्तगालियों ने इसका नाम शुगर लोफ़ रखा क्योंकि उनके हिसाब से इसकी शक्ल उनके द्वारा बाहर भेजने के लिए बनाए जाने
वाले
चीनी
के
पिंडों
से
मिलती
थी .
शुगर लोफ पहाडी के सामने मैं
मेरा पक्का विश्वास है कि यह पहाड़ अगर कहीं भारत में होता तो इसका नाम अवश्य भगवान शिव पर रख दिया गया होता क्योंकि इसकी शक्ल शिव लिंग जैसी है .
शुगर लोफ पहाडी को जाती केबल कार
केबल कार के दो अन्य चित्र
शुगर लोफ़ की समुद्र तल से ऊंचाई १२९९ फुट है. यहाँ केबल कार द्वारा पहुंचा जाता है. बहुत सी केबल कारें इस काम में लगी रहती हैं और लोगों को ऊपर नीचे लाती ले जाती रहती हैं. हज़ारों लोग रोज शुगर लोफ़ पर जाते हैं. ऊपर काफी खुला स्थान है जहां लोग घूम फिर सकते हैं और रियो डि जनेरो के दृश्य का आनंद ले सकते है. पूरा रियो डि जनेरो शहर यहाँ से बहुत ही सुन्दर दिखता है .
सातवाँ चित्र वहां का है जहां से केबल कारें चलती हैं. सारा इंतजाम बहुत ही अच्छा है. आठवाँ चित्र रियो डि जनेरो के उस मोहल्ले का है जहां मेरा मित्र और मेज़बान कार्लोस रहता था. नवें चित्र में कार्लोस अपने घर के गेट पर खड़ा है. अंतिम चित्र में खड़ी दो अफ्रीकी मूल की युवतियां कार्लोस के घर में काम करने वाली नौकरानियां हैं
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रिओ शहर का वह मोहल्ला जहां मेरा मित्र कार्लोस रहता है
अपने घर के गेट पर कार्लोस
कार्लोस के घर में काम करने वाली दो नौकरानियां
अपने घर के गेट पर कार्लोस
कार्लोस के घर में काम करने वाली दो नौकरानियां