शायद मेरी इस पोस्ट का शीर्षक बहुतों को अजीब लगे, पर यह सत्य
है कि अमरीका में बहुत ही ज्यादा चोरी और उठाईगिरि है। खासकर न्यू यॉर्क और दो तीन
अन्य बड़े शहर तो इस काम के लिए बहुत ही कुख्यात हैं। मैं जब भी अमरीका जाने की
तैयारी करने लगा, मुझे मित्रों ने, जो वहाँ से परिचित थे, विशेष कर
अमरीकन मित्रों ने, बार बार सावधान किया कि मैं अपने समान और रुपये पैसे का
बहुत ही ध्यान रखूँ क्योंकि वहाँ के चोर अपने काम में इतने निपुण हैं कि पलक झपकते
ही सामान गायब कर देते हैं।
इस बात का
अनुभव मुझे 1995 में हुआ। हालांकि मैं इससे पहले भी दो बार अमरीका जा चुका था। उन
दिनों मैं एक अमरीकन कंपनी के लिए काम कर रहा था। मुझे मीटिंग के लिए सैन फ्रांसिस्को
बुलाया गया था। इससे पहले न्यू यॉर्क मैं एक बार 1984 में भी जा चुका था। वह
अमरीका की मेरी पहली यात्रा थी। तब मैं
वहाँ सात दिन रुका था और न्यू यॉर्क के मैनहट्टन भाग में खूब घूमा था। तब मुझे
न्यू यार्क बहुत ही अच्छा लगा था। इसलिए मेरी इच्छा हुई क्यों न एक बार फिर न्यू
यॉर्क घूमने का आनंद लिया जाये। इसलिए कंपनी से मैंने अनुरोध किया कि मेरा वापसी
का टिकट न्यू यॉर्क होते हुए बना दिया जाए ताकि मैं दो दिन वहाँ रुक कर मैनहट्टन
की गलियों में एक बार फिर घूम फिर सकूँ। उन्होंने सहर्ष ऐसा कर दिया।
मैंने सैन
फ्रांसिकों में अपने जीवन का पहला वीडियो कैमरा “सोनी हैंडीकैम” खरीदा और इससे मैंने
सैन फ्रांसिस्को में खूब विडियो बनाए। एक सप्ताह वहाँ रह कर मैं न्यू यॉर्क के लिए
आया। सैन फ्रांसिस्को से न्यू यॉर्क पहुँचने के लिए कोई साढ़े छह घंटे लगते हैं।
फिर इन दोनो स्थानों में समय का भी तीन घंटे का अंतर है। इसलिए सैन फ्रांसिस्को से
सुबह चला व्यक्ति शाम को ही न्यू यॉर्क पहुंचता है। न्यू यॉर्क में मैंने
वांडरबिल्ट वाईएमसीए होटल में, जो दूसरे और तीसरे एवेन्यू के मध्य 46th स्ट्रीट पर
स्थित है, अपने लिए कमरा बुक करवा लिया था। इसी होटल में मैं अपनी पहली न्यू यॉर्क
यात्रा के दौरान भी ठहरा था। यह शहर के मध्य भाग में स्थित है और यहाँ से न्यू
यॉर्क के लगभग सभी दर्शनीय स्थलों पर आप पैदल ही घूम सकते हैं। न्यू यॉर्क बहुत
बड़ा शहर होने के बावजूद भी घूमने के लिए बहुत आसान है। एक तरफ 11 लंबे एवेन्यू हैं
और दूसरी ओर 228 स्ट्रीटस हैं। नया आदमी कहीं भी सुगमता से अपने आप ही पहुँच सकता
है।
अगले दिन मैंने
सबसे पहले ब्रिटिश एयरवेज़ के किसी समीपस्थ दफ़तर में जाकर अपना दिल्ली का टिकट
रिकनफर्म कराने की सोची। उन दिनों अपनी वापसी की टिकट को एयर लाइंज से रिकनफर्म
कराने का नियम था। सो मैं किसी ब्रिटिश एयरवेज़ के दफ़तर की तलाश में निकल पड़ा। मुझे
ज्यादा दूर नहीं जाना पड़ा। उसी स्ट्रीट में एक ब्लौक के बाद मुझे ब्रिटिश एयरवेज़
का बुकिंग ऑफिस मिल गया। मैं दफ़्तर का रिवोल्विंग दरवाजा खोल कर अंदर दाखिल हुआ।
दरवाजे के ठीक सामने एक भीमकाय वर्दीधारी नीग्रो सिक्योरिटी गार्ड बैठा था। वहाँ
2-3 यात्री और भी बैठे थे।
मेरे पास मेरा
बैकपैक था जिसमे मैंने अपना नया विडियो कैमरा, पानी की बोतल
और और कुछ खाने की चीज़ें रख ली थीं। न्यू यॉर्क में बाज़ार में खाने पीने की चीज़ें
बहुत महंगी मिलती हैं। इस लिए अच्छा यह रहता है की आप किसी deli से, जहां खाने
पीने का सामान मिलता है, अपनी दिनभर की जरूरत के लिए ये सामान खरीद लें और फिर जब
भी आपको भूख लगे तो खाते रहें। इस तरह आप आधे पैसे बचा सकते हैं। इसके अलावा मेरे
बैकपैक की अंदर की जेब में 2800 डॉलर के ट्रैवलर चेक भी रखे थे। मैंने सावधानी के
लिए कुछ कैश अपने बटुए में और कुछ कोट की जेब में डाल रखा था।
मैं दफ्तर के
एक काउंटर पर अपनी टिकट ले कर गया और काउंटर पर बैठी महिला फ्लाइट को रिकनफर्म
करने के लिए कहा। मैं काउंटर के आगे खड़ा था और और मैंने अपना बैकपैक नीचे फर्श पर
अपने पैरों के पास रखा था। मैंने काउंटर पर बैठी महिला से 2-3 मिनट बात की होगी और
वापिस जाने लगा। जैसे ही मैं अपना बैग उठाने के लिए नीचे झुका, बैग वहाँ से
गायब था। मेरे लिए यह अत्यंत ही अप्रत्याशित था और मैं स्तब्ध रह गया। जब मैंने
काउंटर वाली महिला को बताया, तो वह बहुत ही रूखेपन से बोली कि ग्राहकों को अपने सामान
का स्वयं ध्यान रखना चाहिए।
मुझे उसका यह
उत्तर सुनकर बहुत गुस्सा आया। मैंने उसे डांट कर कहा कि क्या मैं कोई सड़क पर खड़ा
हूँ? आखिरकार यह दफ्तर है और यहाँ आप लोगों ने सुरक्षा के लिए यह गार्ड भी तैनात
कर रखा है, फिर यहाँ इस किस्म की चोरी कैसे हो सकती है। मुझे गुस्से
में देख कर वह महिला थोड़ी घबरा गई। सिक्योरिटी गार्ड और अन्य 2-3 लोग भी वहाँ आ
गए। तब वह महिला कहने लगी कि यहाँ पास में ही एक पार्क है और अक्सर चोर लोग बैगों
में से सामान निकाल कर खाली बैग वहाँ लगे कूड़ेदानों में फेंक जाते हैं। चलो वहाँ
चल कर देखते हैं। ऐसा कह कर वह महिला मुझे उस पार्क में ले आई। हमने सारे कूड़े दान
देखे पर बैग कहीं भी नहीं मिला।
तब उस महिला
ने मुझे सुझाया कि मैं बैग के बारे में भूल जाऊँ और पास की किसी सिटिबैंक की शाखा
में जाकर अपने 2800 डॉलर के ट्रैवलर चेकों के बार में तुरंत रिपोर्ट कर दूँ ताकि
वह चोर कहीं धोखे से उनको न भुना ले। अब मुझे भी इसमें ही समझदारी नज़र आई। सौभाग्य
से पार्क के सामने ही सिटीबैंक की एक शाखा थी। और मैंने वहाँ जाकर उनको इस चोरी के
बारे में सूचित किया। मेरे पास ट्रैवलर चेकों के नंबर थे। सिटी बैंक वाले बहुत ही
सहायक साबित हुए और उन्होंने तुरंत मुझे 2800 डालर के नए चेक दे दिये।
मुझे ऐसा लगता
है की वहाँ ये सब लोग एक दूसरे से मिले हुए होते हैं। वरना वह महिला मुझे उस पार्क
में ना ले आती।
ऐसी ही एक
घटना मेरे साथ लंदन के हीथ रो हवाई अड्डे पर भी हुई थी। पर वह किस्सा फिर कभी।
पर्यटकों में न्यू यॉर्क एक बहुत लोकप्रिय स्थल - का टाइम्ज़ स्क्वेयर